अनौपचारिक सम्प्रेषण/अंगूरीलता सम्प्रेषण किसे कहते है समझाइए | what is Informal Communication/Grapevine communication

what is Informal Communication

अनौपचारिक सम्प्रेषण/अंगूरीलता सम्प्रेषण

अभिप्राय (Meaning)— अनौपचारिक सम्प्रेषण का अभिप्राय उस संदेशवाहन से होता है जो संदेश प्रेषक और संदेश गृहीता के बीच अनौपचारिक संबंध विद्यमान होने पर प्रेषित किया जाता है, जिसके प्रेषण में किसी भी प्रकार की औपचारिकता नहीं निभानी पड़ती है और न ही ऐसे संदेशों के आदान- प्रदान के लिए संगठन चार्ट प्रदर्शित मार्गों के अनुसरण की आवश्यकता पड़ती है। वस्तुतः संदेश दोनों पक्षकारों के मध्य विद्यमान औपचारिक एवं मैत्रीपूर्ण संबंधों पर आधारित होते हैं। अनौपचारिक संबंधों में कर्मचारियों के आसपास रहने, विभिन्न विभागों के कर्मचारियों एवं अधिकारियों में मित्रता होने, क्लब, सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से मिलने के फलस्वरूप संबंध उत्पन्न होते हैं। इसका प्रेषण मौखिक आज्ञा, दृष्टि संकेत, मुख-मुद्रा और मौन रहकर आदि विधियों द्वारा किया जा सकता है अतः संदेशों का आदान-प्रदान सामाजिक पर्वों, अनौपचारिक विचार-विमर्श के दौरान और जलपान आदि अवसरों पर किया जाता है।

इस प्रकार के विचार-विमर्शो के दौरान संबंधित पक्षकारों को आवश्यक जानकारी एवं स्पष्टीकरण दिया जाता है, उनकी भावनाओं एवं प्रक्रियाओं का ज्ञान प्राप्त किया जाता है। अनौपचारिक संबंध प्रायः सम-स्तरीय अधिकारियों अथवा कर्मचारियों के मध्य पाये जाते हैं। इन संबंधों को ‘अंगूरी लता’ (Grapes Wine) अथवा ‘बुशटेलीग्राफ’ (Bush Telegraph) भी कहते हैं। 

अनौपचारिक कि सम्प्रेषण विशेषताएँ अथवा लक्षण (Characteristics of Informal Communication)—

अनौपचारिक सम्प्रेषण की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं—-

(1) इसका निर्माण बिना किसी पूर्व आयोजन के होता है।

(2) ये लिखित नहीं होते हैं, किन्तु परम्पराओं के आधार पर प्रत्येक सदस्य को मान्य होते हैं।

(3) ये औपचारिक सम्प्रेषण के पूरक होते हैं। इसलिए इन्हें संगठन चार्ट द्वारा प्रदर्शित नहीं किया जाता है।

(4) इसकी कार्यप्रणालियों के लिए शासकीय अनुशंसा की आवश्यकता नही होती हैं 

(5) ये कर्मचारियों एवं अधिकारियों के आपसी संबंधों पर निर्भर करते हैं।

(6) इसमें संचार टेढ़े मेढ़े रास्तों से गुजरता है।

(7) इसमें सनसनी पैदा करने की प्रवृत्ति होती है। क्योंकि ये तेजी से फैलते हैं। 

(8) यह सम्प्रेषण अफवाह तथा गलतफहमियों में सरोबार रहता है।

लाभ या गुण

औपचारिक सम्प्रेषण के लाभ निम्नलिखित हैं- (Advantages or Merits of Informal Communication)

(1) इस प्रकार के सम्प्रेषण में दी गयी सूचना से समूह सदस्यों को सामाजिक संतुष्टि मिलती है।

(2) इससे अनौपचारिक समूह लाभप्रद होता है क्योंकि ये औपचारिक समूहों से मिलकर एक कार्यप्रणाली का निर्माण करते हैं। परिणामस्वरूप संस्था का कार्य सुचारू रूप से संचालित होता है।

(3) इसमें संस्था के अन्तर्गत मानव का महत्त्व बढ़ जाता है।

(4) इस संस्था में अधिकतम उत्पादन ही नहीं होता है अपितु कार्य करने की गति बढ़ जाती है। 

(5) निर्गमन में अधीनस्थों की भागीदारी होने के फलस्वरूप अच्छे निर्णय लिया जाना संभव हो जाता है।

(6) कर्मचारियों को सहयोग, सुरक्षा एवं मान्यता आदि से संतुष्टि प्राप्त होती है और उन्हें अधिक कार्य करने की प्रेरणा भी प्राप्त होती है।

(7) यह सम्प्रेषण का तेज एवं लचीला माध्यम है। 

(8) प्रबंधकों के कार्यभार में कमी हो जाती है।

हानियाँ या दोष (Dis-advantages or De-merits of Informal Communication)

(1) इसके अन्तर्गत कर्मचारी अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए अफवाहें फैलाते हैं, झूठी सूचनाएँ देते हैं जिसका बुरा प्रभाव संस्था की गतिविधियों एवं संबंधों पर पड़ता है

(2) इसमें दी गयी सूचना से केवल सामाजिक संतुष्टि होती है।

(3) इसके अन्तर्गत कार्यों के पूर्णत: परिभाषित न होने के कारण कर्मचारी उत्तरदायित्वों के निर्वाह से बचने का प्रयास करते हैं।

(4) अनौपचारिक सम्प्रेषण में बतायी गयी बातें एवं दी गयी जानकारियों का कोई आधार तो नहीं होता है। कई बार तो संस्था में मतभेद एवं गलत फहमियों का बाजार गरमा जाता है, जिससे असामाजिक तत्व अनुचित लाभ उठाते हैं।

(5) इस सम्प्रेषण को नियंत्रित करना कठिन हो जाता है क्योंकि यह पता नहीं लग पाता है कि यह बात किसने कही, क्यों कही और उसमें सत्यता कितनी है।

(6) यह एक खर्चीला प्रकार है क्योंकि बातों की जानकारी करने एवं बातों को प्राप्त करने के लिए पिकनिक, कॉफी, विश्राम विस्तार आदि की व्यवस्था करनी पड़ती है।

(7) कार्यों के निष्पादन में बाधाएँ आती हैं।

(8) इसके अन्तर्गत परिवर्तनों का विरोध होता है और कर्मचारियों को अपने हितों के लिए कार्य करते रहने को बढ़ावा देता है जिससे उनके दायित्वों एवं कार्यभारों में वृद्धि होती है।

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