समूह विचार-विमर्श क्या है ? इसके उद्देश्य एवं प्रक्रिया का उल्लेख कीजिए। What is Group Discussion ? Discuss it objectives and process.

What is Group Discussion

समूह विचार-विमर्श

समूह विचार-विमर्श व्यावसायिक समस्या को समझकर उस पर विचार-विमर्श कर उसका हल निकालने का एक तरीका है, ताकि भविष्य में वह समस्या पुनः उत्पन्न न हो। इस तरीके में व्यावसायिक संगठन/संस्था के अनेक व्यक्ति होते हैं, समस्या को प्रस्तुत करते हैं, प्रत्येक व्यक्ति अपने विचार रखते हैं और सर्वोत्तम विकल्प को अपनाया जाता है। अतः समूह विचार-विमर्श के अन्तर्गत किसी भी व्यावसायिक संगठन की रूपरेखा तैयार की जाती है अथवा संगठन के विभिन्न कार्यों का पुनः मूल्यांकन करके सर्वोत्तम किये गये या नहीं किये गये का पता लगाया जाता है।

इस प्रकार समूह विचार-विमर्श के अन्तर्गत विभिन्न व्यावसायिक समस्याओं/विषयों/क्षेत्रों आदि पर विचार-विमर्श करके उसके समाधान के लिए विभिन्न तर्कों में से सर्वश्रेष्ठ तर्क का चुनाव किया जाता है।

समूह विचार-विमर्श के उद्देश्य एवं लक्ष्य (Objectives and Purpose of Group Discussion)

समूह विचार-विमर्श का मुख्य उद्देश्य आपसी विचारों एवं सुझावों के माध्यम से समस्या का निवारण करना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए अन्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं- 

(1) विचारों का आदान-प्रदान करके विभिन्न व्यक्तियों की प्रतिक्रिया को जानना । 

(2) समूह में सम्मिलित विशिष्ट प्रकार के व्यक्तियों के विचारों को सुनकर निर्णय लेना ।

(3) व्यावसायिक समस्या के समाधान के लिए विभिन्न तर्कों में सर्वश्रेष्ठ तर्क का चयन करना।

(4) समूह में विचारों का आदान-प्रदान करना। 

(5) समूह में विचार-विमर्श करते समय नियमों के पालन का ध्यान रखना।

(6) समूह में निर्धारित समय में ही विचार-विमर्श को समाप्त करना। 

(7) समूह विचार विमर्श में सभी सदस्यों को सहभागिता प्रदान करना। 

एक सफल समूह विचार-विमर्श की आवश्यक बातें / शर्तें (Pre-requisities / condition of a Successful group Discussion) 

व्यावसायिक संस्था/संगठन के किसी भी उद्देश्य एवं लक्ष्य के लिए समूह विचार-विमर्श हेतु लिखित सम्प्रेषण विशेष महत्त्व रखता है। इसलिए यदि एक से अधिक समस्या हो या निर्णय सेना हो तो उनका क्रम निर्धारित कर लेना चाहिए ताकि इस विषय पर भी कोई विवाद उत्पन्न न हो पाये। इसके अतिरिक्त समूह विचार-विमर्श हेतु निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए यह पता होना चाहिए कि-

(1) समूह में उपस्थित सभी सदयों को किस विषय/समस्या/उद्देश्य पर विचार-विमर्श किया जायेगा।

(2) इसमें सहयोगात्मक वातावरण तैयार किया जाना चाहिए ताकि व्यक्ति स्वतंत्र होकर अपने विचार प्रस्तुत कर सके एवं अन्यों के विचारों को सहर्ष स्वीकार भी कर सके। 

(3) समूह में सदस्यों द्वारा प्रस्तुत विचारों के आधारों पर सदस्यों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

(4) समूह में विचार-विमर्श के संबंध में सभी सदस्यों की सोच सकारात्मक होनी चाहिए।

(5) समूह के सदस्यों का चयन केवल उनकी तकनीकी या विशेष योग्यता ही नहीं वरन् साथ कार्य करने की योग्यता को देखकर ही किया जाना चाहिए।

(6) समूह विचार-विमर्श के अन्तर्गत श्रेष्ठ विचार शक्ति को देखा जाना चाहिए न कि उनकी समझौता करने की योग्यता को।

(7) समूह के सदस्य समान संगठनात्मक स्तरों पर लिये जाने चाहिए ताकि वे दूसरे पर आधिपत्य न जमा सके। 

(8) समूह विचार-विमर्श के लिए वांछित सभी प्रकार का कौशल रखने वाले व्यक्ति होने चाहिए।

(9) समूह विचार-विमर्श का अध्यक्ष योग्य एवं वरिष्ठ होना चाहिए ताकि समस्या का सहज निवारण किया जा सके। 

(10) इसके अन्तर्गत आयोजित की जाने वाली सभाओं का स्थान एवं समय पहले से ‘ही निश्चित होना चाहिए।

(11) इसकी प्रक्रिया लोचपूर्ण होनी चाहिए ताकि समय एवं परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तन या घट-बढ़ किया जा सके।

(12) समूह के सदस्यों के बीच स्वतंत्र विचार-विमर्श की व्यवस्था होनी चाहिए एवं उन्हें एक-दूसरे की भूमिका को ठीक से समझ भी लेना चाहिए। 

(13) समूह विचार विमर्श के कार्य को ठीक ढंग से परिभाषित कर दिया जाना चाहिए ताकि विभिन्न सदस्यों के विभिन्न दिशाओं में कार्य करने की संभावना न रहे। 

(14) समस्या समाधानों की स्वीकार्य सीमा को पूर्व में ही परिभाषित कर दिया जाना चाहिए।

(15) समूह नेतृत्व के आधार पर निर्णय लिये जाने चाहिए ताकि सर्वश्रेष्ठ विकल्पों पर समान रूप से विचार किया जा सके। 

(16) समूह सदस्यों को समस्या/निर्णय के प्रति उच्च निष्ठा, गरिमा एवं उत्तरदायित्व की भावना का अनुभव करना चाहिए।

(17) वैयक्तिक मतों पर विचार कर लेने के बाद लिये गये मुख्य निर्णय के प्रति सभी सदस्यों की संयुक्त निष्ठा होनी चाहिए।

(18) समूह को विचार-विमर्श, निर्णय की प्रगति एवं लागत का मूल्यांकन भी करते रहना चाहिए, साथ ही शीघ्रता में लिये जाने वाले समूह निर्णयों के संभावित परिणामों का भी आकलन कर लिया जाना चाहिए।

समूह विचार-विमर्श की प्रक्रिया / तैयारी (Process/Preparation for Group Discussion)

जैसा कि हम जानते हैं कि समूह विचार-विमर्श के अन्तर्गत एक नहीं अनेक विषय/ समस्या पर विचार किया जाता है, अनेक व्यक्ति/सदस्यों को आमंत्रित किया जाता है और उनके विचारों को सुनकर सर्वश्रेष्ठ निर्णय लिया जाता है, ऐसी दशा में तैयारी करनी आवश्यक है। अतः समूह विचार-विमर्श के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है-

(1) समूह विचार-विमर्श के लिए समूह में वार्तालाप हेतु किन-किन व्यक्तियों को आमंत्रित किया जायेगा। इसके लिए विभिन्न विभागों के अध्यक्षों से परामर्श कर लेना चाहिए अथवा प्रत्येक विभागध्यक्ष को बुला लेना चाहिए ताकि सभी विभागों का प्रतिनिधित्व हो जायेगा।

(2) सभी व्यक्तियों/विभागाध्यक्षों को सूचना दी जानी चाहिए। इसमें विचार-विमर्श करने का स्थान, समय एवं दिन का उल्लेख करना चाहिए। यहाँ यह ध्यान रखना आवश्यक है कि विचार विमर्श की तिथि के कम से कम 21 दिन पूर्व/कम वह सूचना पहुँच जानी चाहिए ताकिकोई भी सदस्य सूचना नहीं मिली, का बहाना न करे।

(3) विचार-विमर्श के लिए जो विषय/समस्या है, का भी सूचना में उल्लेख कर देना चाहिए। 

(4) समूह विचार-विमर्श प्रारम्भ हो, इसके पूर्व यदि समूह की पूर्व में कोई सभा/बैठक हुई तो इसमें क्या निर्णय लिये गये और उन निर्णयों के आधार पर क्या-क्या कार्य किये गये, सभी बातों को बताना चाहिए।

(5) समूह में रिपोर्ट पढ़नी चाहिए। लेकिन यहाँ यह ध्यान रखना होगा कि रिपोर्ट को लिखित में तैयार करना सर्वश्रेष्ठ होगा।

(6) समूह विचार-विमर्श में किसी एक व्यक्ति को अध्यक्ष का पद सौंपना चाहिए ताकि वह सभा की व्यवस्था बनाये रख सके।

(7) अध्यक्ष का यह दायित्व होता है कि विचार-विमर्श के दौरान नियमों को बनाये रखे ताकि सदस्यों में कोई विरोधाभास न हो।

(8) अध्यक्ष लिखित में विचार-विमर्श के तथ्यों को बँटवाता है। 

(9) अध्यक्ष को चाहिए कि वह अपना कार्यक्रम (Agenda) विचार-विमर्श के पूर्व ही तैयार कर ले और आवश्यक वस्तुओं/सामग्रियों को विचार-विमर्श के दौरान उपलब्ध करा दे।

(10) विचार-विमर्श को समाप्त करने के पूर्व अध्यक्ष को चाहिए कि अपने विचारों की मुख्य-मुख्य बातें अवश्य बता दें। 

(11) विचार-विमर्श का मूल्यांकन करके एक रिपोर्ट बनाकर सचिव को लिखित में प्रेषित कर देनी चाहिए।

(12) अंत में रिपोर्ट की एक-एक प्रति सदस्यों में वितरित कर दी जानी चाहिए।

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