वितरण-माध्यमों के प्रकार, Types of Distribution Channel

Types of Distribution Channel

वितरण-माध्यमों के प्रकार 

किसी वस्तु या माल को उत्पादकों या निर्माताओं से उपभोक्ताओं/प्रयोक्ताओं तक पहुँचाने के अनेक प्रकार या माध्यम होते हैं। प्रमुख विद्वानों के अनुसार निम्नलिखित है-

आर. एस. डावर के अनुसार,

1. निर्माता/उत्पादक→थोक व्यापारी→ फुटकर व्यापारी→ उपभोक्ता

2. निर्माता/उत्पादक→ फुटकर व्यापारी उपभोक्ता→ उपभोक्ता

3. निर्माता/उत्पादक→उपभोक्ता

फिलिप कोटलर के अनुसार,

1. निर्माता→उपभोक्ता

2. निर्माता→ फुटकर व्यापारी →उपभोक्ता

3. निर्माता→ थोक व्यापारी→ फुटकर व्यापारी →उपभोक्ता

4. निर्माता→ थोक व्यापारी–जॉबर→ फुटकर व्यापारी →उपभोक्ता

विलियम जे. स्टेन्टन के अनुसार,

1. निर्माता→उपभोक्ता

2. निर्माता→ फुटकर व्यापारी →उपभोक्ता

3. निर्माता एजेन्ट→ फुटकर व्यापारी →उपभोक्ता

3. निर्माता →एजेन्ट →थोक व्यापारी →फुटकर व्यापारी→ उपभोक्ता

इस प्रकार स्पष्ट है कि वितरण माध्यमों के प्रकारों के संबंध में विद्वानों में कुछ मतभेद हैं। किन्तु सरल एवं लोकप्रिय वितरण-माध्यमों को वस्तु की प्रकृति के आधार पर मुख्यतः दो भागों में बाँटा जा सकता है-

(I) उपभोक्ता वस्तुओं/माल के वितरण-माध्यम, एवं 

(II) व्यावसायिक या औद्योगिक माल के वितरण-माध्यम ।

प्रत्येक माध्मयों का विवरण इस प्रकार है

(I) उपभोक्ता वस्तुओं / माल के वितरण माध्यम (Distribution Channels of Consumer’s products or Goods)-

सामान्यतः उपभोक्ता वस्तुओं/माल के वितरण-माध्यम इस प्रकार हैं, जिन्हें इस रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है-

Types of Distribution Channel

इस रेखाचित्र में प्रदर्शित वितरण माध्यमों का संक्षिप्त विवेचन इस प्रकार है- 

(1) उत्पादक →उपभोक्ता अर्थात् प्रत्यक्ष वितरण / शून्य स्तरीय (Producer to consumer or Direct Distribution ) — वितरण के इस माध्यम में उत्पादकों को उपभोक्ताओं से सीधा संबंध होता है और उनको माल का प्रत्यक्ष वितरण कर दिया जाता है। माल को उपभोक्ताओं तक पहुँचाने के लिए उत्पादक या तो स्वयं अपनी विक्रय दुकान (Selling Depot) खोलता है अथवा अपने ही किसी विक्रेता अथवा डाक के माध्यम से माल पहुँचाता है। जैसे— भारत में बाटा शू कम्पनी एवं लिबर्टी आदि अपनी दुकानों के माध्यम से जूतों का विक्रय करती है।

(2) उत्पादक →फुटकर व्यापारी →उपभोक्ता (Producer→ Retailer Consumer)—इसमें उत्पादक एवं उपभोक्ता के मध्य एक मध्यस्थ फुटकर व्यापारी होता है। इसके अन्तर्गत उत्पादक अपने माल का विक्रय बड़े-बड़े फुटकर व्यापारियों से करते हैं जिनकी दुकानें शहर में प्रसिद्धि प्राप्त होती हैं एवं वह फुटकर व्यापारी उपभोक्ताओं की आवश्यकतानुसार वस्तु का विक्रय करते रहते हैं। मुख्य रूप से सामान्य एवं निश्चित मूल्य वाली वस्तुओं के लिए यही वितरण माध्यम अपनाती है, जैसे पंखों, सिलाई मशीनों एवं मोटरगाड़ियों आदि की बिक्री सीधी फुटकर व्यापारी को हो जाती है जो उपभोक्ताओं को इनका विक्रय करते हैं।

(4) उत्पादक→ एजेन्ट →फुटकर व्यापारी →उपभोक्ता (Producer→ – Wholesaler→ Retalier →Consumer ) अनेक उत्पादक अपने माल का विक्रय थोक व्यापारी को न करके उसके स्थान पर उत्पादक एजेन्ट (Manufacturer Agent) या विक्रय एजेन्ट या अन्य किसी प्रकार के एजेन्ट या दलाल को नियुक्त करना अधिक उपयुक्त समझते हैं। उत्पादक एजेन्ट को समस्त माल भेजते हैं, लेकिन स्वामित्व हस्तान्तरण नहीं करते है। यह एजेन्ट बड़े फुटकर व्यापारियों से सम्पर्क स्थापित करते हैं जो उपभोक्ताओं की आवश्यकतानुसार माल का विक्रय करते हैं।

(5) उत्पादक →एजेन्ट →थोक व्यापारी →फुटकर व्यापारी→ उपभोक्ता (Producers →Agent →Wholesaler →Retailer→ Consumer) — कभी–कभी उत्पादक अपने माल का वितरण छोटे फुटकर व्यापारियों के माध्यम से करना अधिक उपयुक्त समझता है जिनसे एजेन्ट द्वारा सम्पर्क करना कठिन होता है। इस स्थिति में उत्पादक अपने माल का विक्रय एजेन्ट को करता है, एजेन्ट विभिन्न थोक व्यापारियों को इनका विक्रय करता है, थोक व्यापारी छोटे-छोटे फुटकर व्यापारियों को माल का विक्रय करते हैं। 

(II) व्यावसायिक या औद्योगिक माल के वितरण माध्यम (Distribution Channels of Business of Industrial Good)-

प्रायः व्यावसायिक अथवा औद्योगिक माल के वितरण में चार प्रकार के माध्यमों का प्रयोग किया जाता है, जिन्हें अप्रोक्ति रेखाचित्र द्वारा प्रदर्शित किया गया है।

(1) निर्माता →औद्योगिक प्रयोक्ता (Manufacturer to Industrial Users) – वितरण के इस माध्यम को सीधी पद्धति या सीधा मार्ग भी कहते हैं क्योंकि इसमें निर्माता एवं औद्योगिक प्रयोक्ता के मध्य सीधा संबंध रहता है। बड़े-बड़े औद्योगिक ग्राहकों, जैसे रेलवे, विद्युत माल का वितरण प्रत्यक्ष ही होता है।

(2) निर्माता →औद्योगिक वितरक →औद्योगिक प्रयोक्ता (Manufacturer →Industial Distributor →Industial Users) इसमें औद्योगिक वितरक जो कि विभिन्न कम्पनियों के वितरक का कार्य करते हैं, की सेवाएँ प्राप्त की जाती हैं। भवन निर्माण सामग्रियाँ एवं औजार आदि के लिए यह प्रणाली अपनायी जाती है।

Types of Distribution Channel

(3) निर्माता →एजेन्ट →औद्योगिक प्रयोक्ता (Manufacturer → Agent → Industrial Users)—वितरण के इस माध्यम में निर्माता एक एजेन्ट की नियुक्ति कर देता है। यह उन फर्मों में अधिक उपयोगी है, जहाँ निजी विपणन विभाग नहीं होते हैं।

(4) निर्माता →एजेन्ट →औद्योगिक वितरक →औद्योगिक प्रयोक्ता (Manufacturer → Agent →Industrial Distributor →Industial Users)— जहाँ पर माल को औद्योगिक प्रयोक्ताओं के पास विकेन्द्रीकरण के कारण सीधा पहुँचाना संभव नहीं होता है, वहाँ इस प्रकार के माध्यम का उपयोग किया जाता है।

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