व्यावसायिक सम्प्रेषण के उद्देश्य एवं कार्य क्या है, Objectives and Functions of Business Communication

Objectives and Functions of Business Communication

व्यावसायिक सम्प्रेषण का मुख्य उद्देश्य एवं कार्य किसी व्यवसायी, किसी व्यक्ति, किस समूह या किसी बात में परिवर्तन करना या प्रतिकूल प्रवृत्ति को समाप्त करना है। इस उद्देश्य को प्राप्ति हेतु अन्य उद्देश्य एवं कार्य निम्नलिखित हैं-

(1) शुद्ध एवं स्पष्ट सम्प्रेषण करना व्यावसायिक सम्प्रेषण आदेशों निर्देशों के सम्बद्ध सभी पक्षकारों के शुद्ध एवं स्पष्ट सम्प्रेषण करता है। किसी भी स्तर पर कार्य करने वाले कर्मचारी/अधिकारी से उस समय तक अच्छे काम की अपेक्षा नहीं की जा सकती है, जब तक कि उसे उसके काम से संबंधित पूरी जानकारी न हो। जब उसे मालूम हो जाता है कि उसे क्या करना है तो वह उस काम को अच्छी तरह कर पाता है। यह कार्य सम्प्रेषण की सहायता से पूरा किया जाना संभव हो पाता है।

(2) स्वतंत्रता आदान-प्रदान करना- व्यावसायिक सम्प्रेषण के माध्यम से उत्पादन एवं विक्रय योजनाओं, वित्तीय व्यवहारों, व्यापारिक दशाओं, आन्तरिक एवं बाह्य परिस्थितियों, नई योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी ली एवं दी जाती है। यही नहीं, कर्मचारियों के हित से सम्बद्ध योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी देकर उन्हें अधिक कार्य करने की प्रेरणा, शांतिपूर्ण वातावरण की स्थापना एवं उसे बनाये रखना भी संभव होता है।

(3) कर्मचारी/श्रमिक विकास से संबंधित जानकारी प्रदान करना सम्प्रेषण के माध्यम से कर्मचारियों को उनके विकास से संबंधित सूचनाएँ दी जाती हैं, वे विभिन्न तथ्यों और आँकड़ों का अध्ययन कर अपने विकास के बारे में सोच सकते हैं और तत्ससंबंधी निर्णय भी ले सकते हैं।

(4) विचारों को मूर्त रूप प्रदान करना – व्यावसायिक सम्प्रेषण का उद्देश्य एवं कार्य विचारों को मूर्त रूप प्रदान करना भी है, जैसे

(i) प्रबंधक वर्ग के विचार कितने ही अच्छे क्यों न हों, किन्तु उनका लाभ तभी उठाया जा सकता है, जबकि वे संबंधित व्यक्तियों तक पहुँचा दिये जायें। 

(ii) व्यक्तिगत परिचय, संस्था के प्रति निष्ठा का पता लगाना, स्वयं के महत्त्व को मालूम करना, गलत बातों को फैलने से रोकना, कर्मचारियों को उनके विकास हेतु अवसर उपलब्ध कराना। 

(iii) संयुक्त परामर्श व्यवस्था का विकास, प्रबंध एवं कर्मचारियों के बीच मधुर संबंधों की स्थापना करना आदि। 

इस प्रकार व्यावसायिक सम्प्रेषण के अनेक उद्देश्य एवं कार्य होते हैं, जिन्हें करने से गलत विचारधाराएँ न तो उत्पन्न होती हैं, और यदि होती हैं तो उन्हें रोक दिया जाता है।

(5) समन्वय स्थापित करना व्यावसायिक सम्प्रेषण/व्यवसाय में किये जाने वाले कार्य क्रियाओं, विभागों एवं उपविभागों में समन्वय स्थापित करने का भी करता है। यही नहीं, देश निर्देश, प्रार्थना, सुझाव, निवेदन आदि को ध्यान में रखते हुए क्या उत्तर देना में भी स्थापित करता है।..

(6) अन्य उद्देश्य एवं कार्य

(i) व्यवसाय को प्रगति से अवगत कराना।

(ii) वरिष्ठ एवं अधीनस्थ कर्मचारियों के मध्य पारस्परिक विचारों के आदान-प्रदान का अवसर प्रस्तुत करता है। 

(iii) सूचनाओं के सामयिक संकलन द्वारा प्रबंध को मार्ग प्रशस्त करना।

(iv) विभिन्न पक्षकारों के साथ मधुर संबंधों का निर्माण एवं विकास करता है।

(v) व्यावसायिक सम्प्रेषण वह समस्त कार्य करता है जो नियोक्ता एवं कर्मचारियों के पारस्परिक हितों की वृद्धि में सहायक सिद्ध होते हैं।

(vi) कर्मचारियों में उनके कार्य एवं सम्पूर्ण कम्पनी के कार्यों के प्रति रुचि उत्पन्न करना। 

(vii) प्रबंध में कर्मचारियों के हित में रुचि जाग्रत करना।

(viii) श्रमिकों के आवर्तन/आवागमन (Turnover) को करना

अथवा बंद करना।

(ix) कर्मचारियें में कार्य करने की लगन में वृद्धि करना एवं उनके सहयोग से लाभ में वृद्धि करने का प्रयास करना।

(x) संस्था के प्रत्येक कर्मचारी में कम्पनी का सदस्य होने के नाते आत्म गौरव की भावना भरना।

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