मौखिक संचार और लिखित संचार में क्या अंतर है समझाइये, difference between oral communication and written communication

difference between oral communication and written communication

मौखिक संचार और लिखित संचार में अंतर

मौखिक संचारलिखित संचार
(1) अर्थ- जब संदेश देने वाला एवं संदेश लेने वाला आमने-सामने (Face to Face) होकर संदेशों का आदान- प्रदान करते हैं तो उसे मौखिक संचार कहते हैं।जबकि इसमें दोनों पक्षकार एक-दूसरे को लिखित में संदेश देते-लेते हैं तो उसे लिखित संचार कहते हैं।
(2) ध्यान आकर्षित करना- इस प्रकार के संचार से लोगों का आकर्षित ध्यान आसानी से आकर्षित किया जा सकता है।जबकि इससे मौखिक संचार की तुलना में, लोगों का ध्यान आकर्षित करने में काफी कठिनाई होती है।
(3) अतिरिक्त संदेश- इसमें मौखिक संदेश देते समय आवश्यकतानुसार मूल संदेश के साथ अतिरिक्त संदेश भी दिये जा सकते हैं।जबकि इसमें एक तो संक्षिप्त रूप में संदेश देना पड़ता है तो दूसरी ओर अतिरिक्त संदेश देना संभव नहीं है।
(4) प्रमाण- मौखिक संदेशों का भविष्य के लिए कोई प्रमाण नहीं होता है। जबकि इसका प्रत्यक्ष प्रमाण होता
(5) समय- मौखिक संचार में प्रायः कम समय लगता है क्योंकि संदेश देने एवं लेने वाले को क्रमशः सुनना एवं सुनाना होता है।जबकि लिखित संचार तैयार करने, उन्हें भेजने आदि में पर्याप्त समय लग जाता है।
(6) परिवर्तन- मौखिक संचार देते समय पूर्व विचार किये गये संदेशों में तुरन्त परिवर्तन किया जा सकता है।जबकि लिखित संचार में तत्काल परिवर्तन संभव नहीं है।
(7) संकेतों की अभिव्यक्ति- मौखिक संचार में संकेतों एवं हाव-भावों को आसानी से अभिव्यक्त किया जा सकता है क्योंकि दोनों पक्ष कार आमने-सामने होते हैं।जबकि लिखित संचार में हावभाव एवं संकेतों की अभिव्यक्ति करना संभव नहीं होता है।
(8) स्पष्ट करना- मौखिक संचार के द्वारा संचारक संचारिती को संदेश को विस्तृत रूप में समझा जा सकता है।जबकि लिखित संचार के द्वारा संदेशों को सीमित रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। इसका कारण यह है कि प्रत्येक मौखिक बात को लेखनीबद्ध करना संभव नहीं होता है।
(9) संदर्भ- मौखिक संचार को दोहराते समय पूर्व संदेश का संदर्भ देना संभव नहीं होता है। मौखिक संचार की प्रभावशीलताजबकि लिखित संचार का भविष्य में। आवश्यकता पड़ने पर संदर्भ (Reference) दिया जा सकता है।
(10) प्रभाव- मौखिक संचार की प्रभावशीलता अस्थायी होती है।जबकि लिखित संचार की प्रभावशीलता स्थायी होती है।
(11) प्रभावित एवं प्रेरित- मौखिक संचार द्वारा श्रोताओं को अच्छी प्रकार से न केवल प्रभावित किया जा सकता है, अपितु उन्हें इच्छित कार्य करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।जबकि लिखित संचार के द्वारा पाठक/ पाठकों पर प्रभाव नहीं डाला जा सकता है।

(12) संदेहों का निवारण- मौखिक संचार द्वारा संदेश से संबंधित संदेहों का तुरन्त निवारण किया जा सकता है।
जबकि इस प्रकार के संचारों से उत्पन्न होने वाले संदेहों का निवारण तुरन्त नहीं किया जा सकता है।

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